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ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में अधिक कमाई के लिए रहना जीवन के लिए घातक है - डॉ अर्चिता महाजन

ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में अधिक कमाई के लिए रहना जीवन के लिए घातक है - डॉ अर्चिता महाजन

ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में अधिक कमाई के लिए रहना जीवन के
लिए घातक है - डॉ अर्चिता महाजन
अमृतसर, 22 अक्टूबर (सुखबीर सिंह) - डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि प्रदूषण वाले शहर का प्रदूषण, रोज़ाना 15 सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है: पीएम 2.5 के लिए वायु गुणवत्ता मानक 15 µg/m3 है और 81 µg/m3 से ऊपर का स्तर खराब वायु गुणवत्ता मानक के अंतर्गत आता है। कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया था कि कई शहरों की वायु गुणवत्ता इतनी खराब है कि यह एक दिन में13 सिगरेट पीने के बराबर है।कई इलाकों में वायु प्रदूषण 450 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है. इस हिसाब से, दिन में 21 सिगरेट पीने के बराबर धुआं शरीर में जाता है. NCR में प्रदूषण इतना ज़्यादा है कि लोग 10 से 12 सिगरेट पीने के बराबर धुआं ले रहे हैं. अगर किसी शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 है, तो इसका मतलब है कि दिनभर में करीब 12.5 सिगरेट के बराबर धुआं शरीर में जा रहा है. अगर किसी शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 282 है, तो इसका मतलब है कि दिनभर में करीब 10.57 सिगरेट के बराबर धुआं शरीर में जा रहा है.अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 317 है, तो इसका मतलब है कि दिनभर में करीब 13.32 सिगरेट के बराबर धुआं शरीर में जा रहा है.कई इलाकों में प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस, आंखों में जलन, और एलर्जी जैसी समस्याएं हो रही हैं।

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