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मिलावट खोरों के कारण विदेशी कंपनियां हमारी अर्थव्यवस्था को खा रही है

मिलावट खोरों के कारण विदेशी कंपनियां हमारी अर्थव्यवस्था को खा रही है

मिलावट खोरों के कारण विदेशी कंपनियां हमारी अर्थव्यवस्था को खा
रही है
त्योहार हमारे और चांदी विदेशी कंपनियां काटती है
नकली दूध मावा पनीर के कारण विदेशी कंपनियां अपने बिस्कुट और चॉकलेट रिप्लेस कर रही है
अमृतसर, 28 अक्टूबर (सुखबीर सिंह) - डॉ अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डाइटिशियन और चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट और ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार और पंजाब सरकार द्वारा सम्मानित ने बताया कि जैसे ही हमारे देश में त्योहारों का सीजन शुरू होता है कुछ लोग मुनाफा कमाने के चक्कर में नकली दूध मावा पनीर और खोया मार्केट में डाल देते हैं जिससे करोड़ों लोगों की सेहत पर असर पड़ता है और इसी बात को ढाल बनाकर विदेशी कंपनियां अपने चॉकलेट और बिस्किट मार्केट में खपा देते हैं। वैसे भी भारत की जनसंख्या इतनी ज्यादा है कि इसमें सब कुछ खपत हो जाता है। परंतु फिर भी हमें अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने त्योहारों को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ही रखें किसी विदेशी कंपनियों को हमारे त्योहार पर हमारी मुनाफाखोरी की गलत आदतों के कारण देश की अर्थव्यवस्था को लूटने नहीं देना चाहिए। ऐसा क्यों होता है क्योंकि दूध की खपत जितनी त्योहारों में बढ़ जाती है इतना दूध का उत्पादन हमारे यहां नहीं हो पता क्योंकि हम त्योहारों में गाय भैंसों को ज्यादा दूध देने के लिए नहीं कह सकते। इसलिए हमें मिलावट से बचाना है तो मिठाई पर से अपनी निर्भरता घटानी होगी। लोगों को ड्राई फ्रूट की ओर आना होगा₹300 किलो से कम कोई इस वक्त मिठाई नहीं है जबकि ₹300 में बढ़िया ड्राई फ्रूट का डब्बा तैयार हो जाता है ऐसा करने से मिठाइयों पर हमारी निर्भरता कम होगी और मिलावट का शक भी दूर हो जाएगा।

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